( प्रवासी भारतीय )
प्रवासी भारतीय दिवस, प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ भारत सरकार के जुड़ाव को मजबूत करने के लिए देशभर में भव्य रूप से मनाया जाता है. इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य अनिवासी प्रवासी समुदाय को उनकी मूल जड़ों से फिर से जोड़ा जाना भी है।
9 जनवरी को ही क्यों....?
9 जनवरी 1915 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। उन्होंने बाद में देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया जिसने लाखों करोड़ों भारतीयों के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास:
प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी यानि आज के ही दिन 1915 में महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत आने की याद में मनाया जाता है। 2015 में, इस दिन को द्विवार्षिक घोषित किया गया था। 2018 में, यह दिन सिंगापुर में व्यापक रूप से मनाया गया। 2019 में, यह कार्यक्रम वाराणसी में मनाया गया था।
यह दिवस पहली बार साल 2003 में मनाया गया था। 9 जनवरी 2022 में 17वां भारतीय प्रवासी दिवस मनाया जाएगा।
प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन विदेश मंत्रालय का एक प्रमुख कार्यक्रम है और यह विदेश में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने तथा संबंध स्थापित करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। 16वें पीबीडी सम्मेलन 2021 का विषय है- "आत्मनिर्भर भारत में योगदान"।
प्रवासी भारतीय सम्मान भारत के प्रवासी भारतीय के मामलों का मंत्रालय द्वारा स्थापित एक पुरस्कार है। यह सम्मान प्रत्येक साल 09 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रदान किया जाता है। प्रतिवर्ष प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किया जाता है। यह पुरस्कार प्रवासी भारतीयों को उनके अपने क्षेत्र में किये गये असाधारण योगदान के लिये दिया जाता है।