भारत त्योहारों का देश है यहां हर दिन कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है भारत में शुरू से ही प्रकृति को देवो के समान पूजा जाता है और माना जाता है कि यह त्योहार भी पूरी तरह जे प्रकृति को समर्पित त्योहार है अगर देखा जाए तो मकर संक्रांति का त्योहार वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है क्योंकि इस समय सूर्य की स्थिति बदलती है तो इसी कारण इस समय यह त्योहार मनाया जाता है।
क्या है मकर संक्रांति का महत्व और मनाने का उद्देश्य
सनातन हिन्दू धर्म में देखा जाये तो हर त्योहार को वैज्ञानिक आधार पर मनाया जाता है और सनातन धर्म के किसी भी त्योहार को देखा जाये तो उसका वैज्ञानिक आधार अवश्य होता है मकर संक्रांति को देश के अलग अलग राज्यो में अलग से नाम से जाना जाता है और देश के अलग अलग राज्यो में इसे अलग-अलग तरीको से मनाया जाता है गुजरात मे मकर संक्रांति को लोग उत्तरायण के नाम से जानते है वही राजस्थान , बिहार और झारखंड जैसे राज्यो में इसे सकरात के नाम से जाना जाता है तमिलनाडु इसे पूंगल के नाम से जाना जाता है और केरल और कई अन्य राज्यो में इसे मकर संक्रांति के नाम से ही जाना जाता है और उत्तरप्रदेश में इसे खिचड़ी के नाम से जाना जाता है ।
मकर संक्रांति के पीछे क्या है मान्यताएं और कहानी
हिन्दू धर्म में माह को दो पक्षों में बाटा गया है शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष ठीक इसी प्रकार से वर्षो को भी दो अयाणो में बांटा गया है एक है उत्तरायण और दूसरा है दक्षिणायन अगर दोनों को मिला दिया जाये तो एक वर्ष पूरा हो जाता है मकर संक्रांति के दिन से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ जो जाती है इसलिए इसे उत्तरायण कहा जाता है इसके अलावा औष मास में जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है मकर संक्रांति में पर्व को सम्पूर्ण भारत वर्ष में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का त्योहार कब मनाया जाता है
मकर संक्रांति ही एक ऐसा हिन्दू त्योहार है जो प्रतिवर्ष अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 14 जनवरी को ही मनाया जाता है क्योंकि बाकी सभी त्योहार हिन्दू तिथि के अनुसार मनाए जाते है परंतु ये ही एक ऐसा त्योहार है जो अंग्रेजी तिथि 14 जनवरी को ही प्रतिवर्ष मनाया जाता है ।
क्या है मकर संक्रांति की धार्मिक मान्यताएं
कुछ वैज्ञानिक कारणों के साथ इस त्योहार की कुछ धार्मिक मान्यताएं भी है हिन्दू धर्म के अनुसार आज ही यानी मकर संक्रांति के दिन ही भगवान विष्णु ने असुरो का विनाश किया था और असुरो के सिरो को मंधार पर्वत में दबाकर युद्ध समाप्ति को घोषणा की थी इसलिए मकर संक्रांति को बुराईयों और नकारात्मकता को समाप्त करने का दिन भी मानते है कई जगह मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर इस पर्व को मनाया जाता है ।
मकर संक्रांति के दिन क्या उपाय करना चाहिए ?
मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी, तिल, भोजन और पुस्तको का दान करना चाहिए और गरीबों और जरूरतमंदों को खाना खिलाकर उनकी मदद करना चाहिए तथा इस दिन पशुओ को चारा खिलाना भी बहुत शुभ माना जाता है मकर संक्रांति के दिन कई लोग पशुओ को चारा खिलाकर धर्म का लाभ लेते है इस दिन भगवान विष्णु को भी तिल अर्पित किया जाता है । ऐसा करने से सुख - शांति बनी रहती और धन-धान्य में वृद्धि होती है।