जुड़वाँ बच्चे कैसे पैदा होते है / किये जा सकते है ?है ना मज़ेदार प्रश्न आप पहले पूरा पड़ तो ले फिर सबको बताइयेगा......!
दरअसल जुड़वाँ बच्चे पैदा होने के पीछे मेडिकल साइंस का भी बड़ा कमाल हम आज क युग में देख सकते है |
इस लेख में हम जानेंगे की:-
कैसे जुड़वाँ बच्चे पैदा होते है ?
या हम अपनी इच्छा के अनुरूप ऐसा कर सकते है ?
भारत का एक ऐसा गांव है जहाँ सेकड़ो जुड़वाँ रहते है | केरल के मालापुरम जिले के कोढ़ींनी गांव में ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है | लगभग 450 जुड़वाँ पाए गए है |दुनिया भर के रिसर्चर्स इस गुथी को सुलझाने में कामयाब नहीं हो सके |
चलिए देखते है वो राज जिससे जुड़वाँ बच्चे पैदा होते हैऐसे बच्चे जो एक ही माता पिता की संतान होते है जो कुछ ही समय के अंतराल में पैदा होते है |
ये बच्चे दो प्रकार से जुड़वाँ हो सकते है -
- मोनोजाइगोटिक (monozygotic twins)
- डाइजाइगोटिक (dizygotic twins)
मोनोजाइगोटिक (monozygotic twins)
:- एक अंडाणु एक ही शुक्राणु द्वारा निषेचित हुआ है लेकिन अपने आरम्भिक समय दो अलग-अलग भ्रूणों में विभाजित हो गया ,ये दोनों एक ही गर्भाशय में पलते है और इनकी गर्भनाल भी एक ही होती है |
इस प्रकार पैदा होने वाले बच्चे -- अनुवांशिक रूप से एक जैसे होते है |
- वो एक समान लिंग वाले होते है |
- वो दिखने में भी हमशक्ल /समान होते है |
- लेकिन इनके फिंगरप्रिंट अलग - अलग होते है |
- इनकी त्वचा पर पाए जाने वाले निशान जैसे :तिल (मोल) भी अलग हो सकते है |
डाइजाइगोटिक(dizygotic twins):- दो अंडाणुओं को अलग-अलग शुक्राणु(स्पर्म) से निषेचित किये जाते है |
इस प्रकार पैदा होने वाले बच्चे -- अनुवांशिक रूप से भिन्न्न होते है |
- लिंग भी अलग हो सकता है |
- ये हर दूसरे बच्चो की तरह होते है बस इनका जन्म एक ही समय हुआ होता है |
interesting फैक्ट्स हर 40जन्मो में से एक जुड़वाँ पैदा होता है
एक तिहाई जुड़वां बच्चे मोनोजाइगोटिक होते है
दो तिहाई डाइजाइगोटिक जुड़वाँ होते है |